Sunday, March 13, 2016

ट्यूशन टीचर की फीस



- इंदु बाला सिंह


' टीचर ! मैं आपकी फीस कल ला दूंगी । कल मेरा आख़िरी दिन है न ट्यूशन में । '

तीसरी कक्षा से उसके पास ट्यूशन पढ़ती आयी यह छात्रा अपने मुहल्ले और कक्षा के चारों सेक्शन में गणित में सबसे ज्यादा नंबर रखनेवाली सबकी ईर्ष्या की पात्र थी ।

केवल तीन दिन पढ़ी थी वह दसवीं की छात्रा इस महीने ट्यूशन में ।

चौंक पड़ी शिक्षिका ।

' कितना फीस दोगी तुम मुझे ? '

' आधे महीने की फीस ।' - कुछ सोंच कर खा छात्रा ने ।

तिपहियावाले अभिभावकों  से छुट्टियों के भी पूरे पैसे लेते थे ।

' नहीं । मैं तीन दिन के पैसे नहीं लुंगी । मैं तो वैसे भी दसवीं कक्षा के छात्रों से आख़िरी महीने की फीस नहीं लेती । अच्छे नंबर लाना बोर्ड की परीक्षा में । ' शिक्षिका ने मुस्कुरा कर कहा ।

' टीचर ! मेरी मम्मी बोलती है पढ़  कर पैसा नहीं देना गलत बात है । '

टीचर का मन भींग गया ।

' तुम बोर्ड एक्जाम का रिजल्ट निकलने पर मुझे मिठाई खिला देना । '

' ठीक है । रिजल्ट निकलने के बाद मैं आपको ढेर सी मिठाई उपहार में दूंगी  । '

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