Monday, November 16, 2015

गेंद और बच्चा


17 November 2015
07:42


-इंदु बाला सिंह


बच्चा रबर बाल खेल रहा है पोर्टिको में |


1

ठप्प ..ठप्प ....ठप्प

अरे ! घर में मत खेलो गेंद ...... बाहर खेलो | - नाना

बाहर तो सड़क पर गाडियां चलती हैं | - पितृहीन बच्चे ने सोंचा

और एक दिन गेंद जा लगी पोर्टिको में खुलने वाली कांच पे | टूट गया कांच टुकड़े टुकड़े में |

बच्चे के मां की सांस उपर की उपर नीचे की नीचे |

बच्चे की सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली बहन ने जमीन पर गिरे एक एक कांच चुना ......फेविकोल से जोड़ कर खिड़की के पल्ले में वापस चिपकाया |

बच्चे की मां की जान में जान आयी |

2

ठप्प .....ठप्प ....ठप्प

बच्चा गेंद खेल रहा था पोर्टिको में |
दोपहर के तीन बजे थे |
गेंद खेलता है ....... सोने नहीं देता है | - बगल घर की खिड़की खुली ........ चीखा पड़ोसी  |

डर गया बच्चा |

उसने गेंद खेलना रोक दिया |

डर गयी बच्चे की मां |


बच्चे की बहन कुढ़ गयी |

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