Saturday, November 14, 2015

छोटी बच्ची 1


16 July 2015
15:43
-इंदु बाला सिंह


चार साल की छोटी बच्ची अपनी गोद में छ: महीने की बहन लिये खड़ी थी सड़क पर | पास में शादी हो रही थी |
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आधी रात को नींद खुल गयी बच्ची की |

माँ उसकी बहन को गोद में लिये रो रही थी |

बगल कमरे से बड़ी माँ आयी और उस बच्ची को ले कर अपने कमरे में चली गयी | डरी हुयी बच्ची दुसरे  कमरे में सो गयी |

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उस बच्ची की बहन मर चुकी थी |

बरसों बाद उस बच्ची को पता चला कि उस की बहन को दिफ्थेरिया हुआ था |

उस बच्ची के पिता दुसरे शहर में नौकरी करते थे |


पांच साल की बच्ची पिता के साथ पैदल स्कूल जा रही थी | वह खुश थी | पिता के कदम से कदम न मिला पा रही थी वह बच्ची | बार बार पीछे छूटी जा रही थी वह |



: साल की बच्ची माँ के पास कमरे में ज्यों ही घुसने लगी एक खून से सने हाथवाली औरत ने उसे रोक दिया | हाथ का खून देख डर गयी वह बच्ची |

उस बच्ची की माँ ने एक बेटी पैदा की थी


' नहीं मैं नहीं खाऊंगी भात दाल | मुझे खिचड़ी खानी है | ' बच्ची को केवल खिचड़ी भाती थी |

भाभी लकड़ी के चूल्हे के सामने लकड़ी के जलते कोयले को बाहर निकाल उसी पर एक छोटी बटुली में थोड़ा पका दाल और चावल डाल कर रख देती थी | बस छोटी बच्ची को खिचड़ी मिल जाती थी रोज खाने में |


' मेरे पास क्यों घुसती है ... जा अपने भतार के पास | ' 

भाभी चिपकी ननद को हर समय छेड़ती थी |
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छोटी बच्ची सोंचती थी |

' कितनी गलत बात बोलती है भाभी | मेरा चचेरा भाई क्या मेरा भतार है ? '

उस छ: वर्षीय बच्ची को भतार शब्द का मतलब समझ आ चूका था |

पूजा का प्रसाद हाथ में ले कर लौट रही छोटी बच्ची और पीछे पीछे प्रसाद के लालच में चलता कुत्ता कितना भयभीत पल था |

उस प्रसाद को घर अपनी माँ तक पहुंचाना था उस बच्ची को |

वह भय आज भी महसूस कर सकती हूँ मैं |


और आज सोंचती हूं क्यों नहीं फेंक दी वह छोटी बच्ची अपने हाथ का प्रसाद सडक पर | कम से कम कुत्ते के भय से तो मुक्त हो जाती वह |

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