Thursday, August 6, 2015

स्वर्ग में स्थान ( लोक कथा )


07 August 2015
07:08


' भगवन ! आप उस किसान के लिये अभी से स्वर्ग में स्थान आरक्षित कर लिये हैं पर अपने पुजारी के लिये नहीं | '

एक दिन एक भक्त भगवान से बोला |

भगवान मौन रहे |


' यह तेल का पात्र अपने हाथ में पकड़ कर सारी दुनिया की परिक्रमा करो लेकिन ख्याल रखना एक भी तेल की बूंद धरती पर न गिरे | ' -भगवान ने एक तेल से भरा  पात्र अपने भक्त को पकड़ाते हुये कहा |

भक्त दुनिया की परिक्रमा कर के लौट आया और तेल का पात्र वापस भगवान को पकड़ा दिया |


' भक्त ! तुमने कितनी बार मेरा स्मरण किया ? '

' भगवन ! मेरा ध्यान तो तेल के पात्र में था | हमेशा सोंचता रहा कहीं तेल छलक के नीचे न गिर जाय | मैं सदा इसी चेष्टा में लगा रहा | ' - भक्त ने उत्तर दिया |

' वह किसान भी जब हर रोज अपना हल बैल ले के जब अपने घर से निकलता है तब मुझे गुहार लगाता है ....हे ईश्वर ! मेरी फसल अच्छी हो ....और फिर वह दिन भर अपने खेतों में मन लगा कर काम करता है | शाम को अपने वह अपने परिवार के सुख दुःख का ख्याल रखता है | '

भक्त को अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया था |



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