Thursday, July 2, 2015

मैंने भी देखी थी उड़ने तश्तरी


02 July 2015
10:55


-इंदु बाला सिंह



उड़न तश्तरी की बात चली आठवीं कक्षा के जीरो पीरियड में |

सब छात्र इंटरनेट की खबरों में बयान किये गये विवरणों में पढ़े हुये अनुभव साझा कर रहे थे |

इसी बीच सिमरन उठ खड़ा हुआ |

-टीचर मैंने देखी है उड़न तश्तरी |

कक्षा के अन्य छात्रों ने चौंक कर सिमरन का मुंह देखा |

-अच्छा !

टीचर उत्सुक हुयी |

- चार साल पहले देखा था मैंने टीचर |

कक्षा के छात्र हंस पड़े |

-हंसना गलत बात ... सब सुनो |

टीचर ने डांटा |

-टीचर मेरे घर के सामने एक बड़ा सा मैदान है | रात में मैंने देखा था एक चमकदार गोल चीज मैदान में उतरते हुये | जैसे ही वो नीचे आयी थी पूरे शहर की लाईट चली गयी थी | और फिर सुनायी दिया था कि एक बच्चा गुम गया है |

और श्रुति टीचर को याद आया  कुछ साल पहले उसने भी सूनी थी ऐसी ही घटना |


पता नहीं वह घटना अफवाह थी या सच |

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