25 June
2015
10:59
-इंदु बाला
सिंह
-अरे ! माँ
देखो आज हमारे पार्क में फ्लड लाईट लग गयी है | कितनी रोशनी है | पढ़ने जाऊं पार्क
में |
-क्यों
तुम्हारे घर में रोशनी नहीं है |
-वहां कितना
शांति है | यहां तो टी० वी० सीरियल डिस्टर्ब कर रहा है |
-ओ० के० | मैं टी० वी० बंद कर देती हूं |
-पर वहां पढ़ने
से बिजली का बिल भी बचेगा न | - मुन्ना ने आख़िरी वार किया |
-ओ० के० | मैं पूरे घर में जीरो नाईट बल्ब ऑन कर
देती हूं | अब तो बिजली का बिल बचेगा न | - मुन्ने की पार्क में घूमने जाने की
मंशा समझ चुकी थी माँ |
मुन्ना का यह
तीर भी खाली चला गया |
No comments:
Post a Comment