07
October 2014
15:35
-इंदु बाला
सिंह
'
घर का भाड़ा स्कूल और ट्यूशन फीस मेरे
पेमेंट से चलता है .... अरे ! आगे पेमेंट
हाथ में मिलता था तो नोट छू पाती थी मैं ...अब
तो सैलरी बैंक में जाती है तो नोट छूने का भी सुख नहीं मिलता है ..... मेरे
हसबेंड ए० टी० एम० से मेरी सैलेरी निकाल
के लाते हैं | ' कापी चेक करना रोक के एकाएक मिसेज लाल बोल उठी |
स्कूल में नयी
ज्वाईन की अध्यापिका श्रेया विस्मित सी मिसेज लाल का चेहरा देखने लगी |
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