Friday, September 5, 2014

अब तो पिता से मार पड़ेगी


02 September 2014
08:51

-इन्दुबाला सिंह

" ये क्या लिखा है डायरी में बाबूजी ! " रधिया ने मालिक से पुछा |

" तेरा बेटा क्लास में मारपीट किया है | स्कूल में तुझे बुलाया गया है | अपनी बिटिया को भेज देना स्कूल कल | " मालिक ने रधिया के बेटे की डायरी पढ़ कर कहा |

रधिया थी तो अनपढ़ कामवाली पर वह अपने बेटे को अंगरेजी मीडियम में पढ़ा कर बड़ा अपने मालिक के बेटे की तरह बड़ा आदमी बनाने के सपने देख रही थी |

दूसरे दिन बेटा उठा ही नहीं सबेरे स्कूल जाने को |

" उठ ! " रधिया ने अपने आठ वर्षीय बेटे को झकझोरा |

' मेरा सिर दर्द दे रहा है अम्मा .......आज स्कूल नहीं जाऊंगा मैं | " रुआंसी आवाज निकली बेटे ने |
हां ..हां ... आज तो तेरा सिर दर्द देगा ही | मैंने पढ़वा लिया है तेरा स्कूल से मिला कम्प्लेन लेटर मालिक से | " मैं अनपढ़ हूं पर बुद्धू नहीं |


हडबडा कर उठा रधिया का बेटा | वह समझ गया था अब तो मार पड़नेवाली है पिता से उससे |

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