02
September 2014
08:51
-इन्दुबाला
सिंह
"
ये क्या लिखा है डायरी में बाबूजी ! " रधिया ने मालिक से पुछा |
" तेरा
बेटा क्लास में मारपीट किया है | स्कूल में तुझे बुलाया गया है | अपनी बिटिया को
भेज देना स्कूल कल | " मालिक ने रधिया के बेटे की डायरी पढ़ कर कहा |
रधिया थी तो
अनपढ़ कामवाली पर वह अपने बेटे को अंगरेजी मीडियम में पढ़ा कर बड़ा अपने मालिक के
बेटे की तरह बड़ा आदमी बनाने के सपने देख रही थी |
दूसरे दिन
बेटा उठा ही नहीं सबेरे स्कूल जाने को |
" उठ !
" रधिया ने अपने आठ वर्षीय बेटे को झकझोरा |
' मेरा सिर
दर्द दे रहा है अम्मा .......आज स्कूल नहीं जाऊंगा मैं | " रुआंसी आवाज निकली
बेटे ने |
हां ..हां ...
आज तो तेरा सिर दर्द देगा ही | मैंने पढ़वा लिया है तेरा स्कूल से मिला कम्प्लेन
लेटर मालिक से | " मैं अनपढ़ हूं पर बुद्धू नहीं |
हडबडा कर उठा
रधिया का बेटा | वह समझ गया था अब तो मार पड़नेवाली है पिता से उससे |
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