Friday, August 8, 2014

राजा और नन्ही चिड़िया ( लोक कथा )


08 August 2014
10:03


-इंदु बाला सिंह



एक बार एक राजा अपने बाग़ में टहल  रहा था | एक घने पेड़ के नीचे से जब वह गुजर रहा था तब उसे एक चिड़िया का गीत सुनाई दिया -

' मैं सबसे धनी ...मैं सबसे धनी .... '

राजा आश्चर्यचकित हुआ | उसने अपने सहायक से पता लगाने को कहा कि आखिर यह चिड़िया क्यों ऐसे गा रही है |

राजा का सहायक पेड़ पर चढ़ा |

पेड़ पर से उतर कर उसने कहा कि राजन ! उस चिड़िया के घोंसले में एक सोने का सिक्का है | इसीलिये वह चिड़िया गा रही है खुशी में |

राजा ने सहायक को आदेश दिया कि वह जा कर उसके घोंसले से वह सोने का सिक्का निकाल ले |

सहायक पेड़ पर चढ़ के चिड़िया के घोंसले से  सोने का सिक्का निकाल लाया और राजा को दे दिया |

ज्यों ही कुछ कदम आगे चला राजा चिड़िया गाने लगी -

' राजा ने लूट लिया ...राजा ने लूट लिया ..... '

राजा गुस्सा हो गया | उसने सैनिकों को आदेश दिया कि वे उस दुष्ट चिड़िया को पकड़ लें |

चिड़िया को पकड़ सिपाही दरबार में लाये |

सैनिक ज्यों ही चिड़िया को राजा को पकड़ाये  राजा के हाथ से फड़फड़ा कर निकल गयी वह चिड़िया और दरबार के झरोखे पे बैठ के गाने लगी -

' राजा ने लूट लिया ....... राजा ने लूट लिया ...... '

क्रोधित हो राजा चीखा -

' पकड़ लो इस दुष्ट चिड़िया को .... '

सैनिक पकड़ लाये चिड़िया को |

गुस्से में राजा पकड़ कर चिड़िया को खा लिया |

अब राजा के पेट में गड़गड़ आवाज होने लगी और राजा को जोर की डकार निकली | डकार के साथ चिड़िया बाहर आ गयी राजा के पेट से और उड़ कर झरोखे पे बैठ के गाने लगी -

' राजा ने लूट लिया ...राजा ने लूट लिया .... '

राजा गुस्से से बिलबिला  उठा | पकड़ो चिड़िया को चिग्घाड़ा -

' पकड़ो चिड़िया को .... '

फिर पकड़े  चिड़िया को सैनिक |

अबकी बार आदेश दिया कि  अगर इस बार  चिड़िया उसके मुंह से निकले  तो वे चिड़िया को तलवार से काट दें |

चिड़िया को हाथ में पकड़ कर फट से राजा ने घोंट लिया |

चिड़िया राजा के पेट में खूब फड़फफड़ाइ पर राजा ने अपना मुंह दबा कर रखा | आखिर राजा के मुंह से डकार निकल ही गयी | और ज्यों ही चिड़िया निकली मुंह से सैनिकों ने जोर का वार किया तलवार का |

चिड़िया उड़ कर झरोखे पे बैठ गयी और गाने लगी -

' राजा की नाक कटी नन्ही चिड़िया के कारण ...... राजा की नाक कटी नन्ही चिड़िया के कारण ... '

राजा अपनी कटी नाक पकड़ लिया जोर से |

और चिड़िया उड़ गयी फुर्र से |



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