Saturday, July 26, 2014

साधू और सांप


26 July 2014
22:19
एक  बार एक साधू के पास एक  सांप पहुंचा और उन्हें नमस्कार किया |

साधू ने सांप को समझाया कि उसे मनुष्य को काटना छोड़ देना चाहिए |

सांप ने साधू की बात मान ली |

अब सांप शांत हो खाली रेंग कर आता जाता था और गाँव के बह्चे उसे देखते ही पत्थर मरते थे |

एक दिन साधू ने यह दृश्य देखा | वह बड़ा दुखी हुआ |

उसने सांप को समझाया कि वह फुंफकार कर लोगों को डरा तो सकता ही है | लोग डर कर उससे दूर भाग जायेंगे |

लोग उससे डरेंगे नहीं तो मारेंगे ही पत्थर |

सांप ने साधू की बात मान ली |


तब से सांप हमें फुफकार कर डराता है और हम उससे डर कर दूर भाग जाते हैं |

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