26 July
2014
22:19
एक
बार एक साधू के पास एक सांप पहुंचा और उन्हें नमस्कार किया |
साधू ने सांप
को समझाया कि उसे मनुष्य को काटना छोड़ देना चाहिए |
सांप ने साधू
की बात मान ली |
अब सांप शांत
हो खाली रेंग कर आता जाता था और गाँव के बह्चे उसे देखते ही पत्थर मरते थे |
एक दिन साधू
ने यह दृश्य देखा | वह बड़ा दुखी हुआ |
उसने सांप को
समझाया कि वह फुंफकार कर लोगों को डरा तो सकता ही है | लोग डर कर उससे दूर भाग
जायेंगे |
लोग उससे
डरेंगे नहीं तो मारेंगे ही पत्थर |
सांप ने साधू
की बात मान ली |
तब से सांप
हमें फुफकार कर डराता है और हम उससे डर कर दूर भाग जाते हैं |
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