Thursday, May 22, 2014

छोटे बड़े का लिहाज


22 May 2014
23:30

  -इंदु बाला सिंह

वह शहर की लड़की थी | पर ससुराल में कुछ साल रहना पड़ता है न इसलिए वह ससुराल में रहती थी और उसका पति शहर में नौकरी करता था | पति छुट्टियों में गाँव आता था |

बहू ने पीढ़ा खींचा और बैठ गयी सास और जेठानियों  से बात करते करते |
सास व जेठानी बिना पीढ़ा के जमीन पर उकडूं बैठे थे |

" बाप ने यही सिखाया है ....अपने से बड़ों के सामने पीढ़े पर बैठी है ... " कहते हुए जेठानी उसका पीढ़ा छीन ली |

और आज बात करते करते उसकी कामवाली जब उसके बगल में बैठ जाती है ..... यह देख वह चुप रह जाती है  |

आज वह अकेली है  ..कामवाली पर निर्भर है ....पर वह छोटे बड़े का लिहाज और उससे जेठानी का पीढ़ा छीन लेने की घटना …………. उसे भुलाये नहीं भूलती  |

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