24 April
2014
09:00
- इंदु बाला सिंह
ट्रिंग
ट्रिंग ......ट्रिंग ट्रिंग
"
हैलो !..... "
" हां हां ..घर में है ..... " कहते हुए
शर्मा जी ने नौकर से कहा ..." जाओ जया को फोन उठाने को बोलो ... "
दूसरा फोन घर
में ड्राईंग रूम में था |
शर्मा जी
बड़बड़ाने लगे ..... " अब ग्यारह कला की बच्ची के भी फोन आने लगे .... "
कुछ देर बाद
वे टेबल पर रखा अपना रिसीवर उठा कर अपनी बिटिया और उसके मित्र की बातें सुनने लगे
|
और आफिस में
सामने बैठा मैनेजर सोंचने लगा .... " ऐसा पहरा आखिर कब तक ? "
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