Friday, February 28, 2014

चटोर सास

" वर्मा की औरत तो रोज मेरे पैर की तेल मालिश करती है " सास का यह वाक्य हमेशा चुभ जाता शामिली को |

वर्मा जी पडोस में रहते थे  |

वर्मा की औरत शामिली की सास से उम्र में दस वर्ष छोटी थी

हर दो तीन दिन के बाद यह वाक्य दुहराती थी सास |

शामिली सास के इस वाक्य का अर्थ खूब समझती थी |

उस पर से वर्मा की औरत हर रोज एक कटोरी भर के अपने घर की सब्जी सास को ला कर देती थी |

शामिली के साथ सास ससुर एक ननद और चार देवर रहते थे |

बहू को  सम्हालना पड़ता था पूरे परिवार को |

पति की आमदनी से मुश्किल से घर चलता था |

आये दिन सास के ताने शादी के एक महीने बाद से मिलने शुरू हो गये थे |

एक दिन गजब हो गया ....

सास और वर्मा की औरत में जम कर झगड़ा हुआ |

आवाजें आ रहीं थीं शामिली के पास भी ......


" अरे ! ये लोग तो भिखारी हैं हम रोज इनको सब्जी बना कर पहुंचाते हैं ........"

बस इतनी आवाज स्मरण में रही शामिली को क्यों कि ये तीर उसको जोर से चुभा था |

दुसरे दिन से सास और वर्मा की औरत में बोलचाल बंद हो गयी |








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