Thursday, January 30, 2014

सबल मातृत्व

सहकर्मी शिक्षिका मिसेज अयंगर का दस वर्ष पश्चात हमारे घर आना हमारे लिए हमारे लिए सुखानुभूति थी | असल में वो रिटायर हो गयीं थी | उन्हें शहर छोड़ कर जाना था इसलिए वे हमसे मिलने आयी थीं |
कितनी सारी बातें हमनें की | अपने बच्च्चों के बारे में हुयीं |
" अपनी  बेटी कविता का उसके पति से उसके पति का अलगाव तो मैंने एक साल में ही करवा दिया | मैंने जितने जेवर दिए थे बेटी को वो सब लड़के से वापस वापस ले लिया  | ठग था लड़का | बोलता था अच्छी नौकरी है दिल्ले में | कोई नौकरी न थी उसके पास | बेटी को एक बेटा भी है | मैंने कविता को बी० एड० करवा दिया | फिर उसे एक प्राइवेट विद्यालय में नौकरी लगवा दी हूँ इसी शहर में | मेरे हसबैंड और मैं रिटायर हो चुके हैं | इस लिए मैंने कविता को जबरदस्ती अपनी बड़ी बेटी सीमा के घर में रखा है | हमारे साऊथ में तो लड़की को प्रापर्टी देते हैं न | मैंने उससे कहा है कि अगर वह अपने घर में छोटी बहन को न रखेगी तो उसे मै एक सूत भी अपनी प्रापर्टी का न दूंगी | कविता का बेटा अपनी माँ के  ही विद्यालय में  पढ़ता है | दस साल तक तो रखना ही पड़ेगा बहन को कविता को | " वे बोलती गयीं अपनी रौ में |
मैं अवाक् सी सुन रही थी उन्हें |
कुछ  घंटों बाद वे चली गयीं |                                                                                                                                            कविता का विद्यालय हमारे शहर में ही था | खबरें आती रहती थीं |
फिर खबर आयी कविता के बेटे विनय ने सी० बी० एस० ई० बोर्ड की परीक्षा पास कर ली है |

फिर सुना कविता ने विद्यालय छोड़ दिया है |     

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