सहकर्मी
शिक्षिका मिसेज अयंगर का दस वर्ष पश्चात हमारे घर आना हमारे लिए हमारे लिए
सुखानुभूति थी | असल में वो रिटायर हो गयीं थी | उन्हें शहर छोड़ कर जाना था इसलिए
वे हमसे मिलने आयी थीं |
कितनी सारी
बातें हमनें की | अपने बच्च्चों के बारे में हुयीं |
"
अपनी बेटी कविता का उसके पति से उसके पति
का अलगाव तो मैंने एक साल में ही करवा दिया | मैंने जितने जेवर दिए थे बेटी को वो
सब लड़के से वापस वापस ले लिया | ठग था
लड़का | बोलता था अच्छी नौकरी है दिल्ले में | कोई नौकरी न थी उसके पास | बेटी को
एक बेटा भी है | मैंने कविता को बी० एड० करवा दिया | फिर उसे एक प्राइवेट विद्यालय
में नौकरी लगवा दी हूँ इसी शहर में | मेरे हसबैंड और मैं रिटायर हो चुके हैं | इस
लिए मैंने कविता को जबरदस्ती अपनी बड़ी बेटी सीमा के घर में रखा है | हमारे साऊथ
में तो लड़की को प्रापर्टी देते हैं न | मैंने उससे कहा है कि अगर वह अपने घर में
छोटी बहन को न रखेगी तो उसे मै एक सूत भी अपनी प्रापर्टी का न दूंगी | कविता का
बेटा अपनी माँ के ही विद्यालय में पढ़ता है | दस साल तक तो रखना ही पड़ेगा बहन को
कविता को | " वे बोलती गयीं अपनी रौ में |
मैं अवाक् सी
सुन रही थी उन्हें |
कुछ घंटों बाद वे चली गयीं | कविता का
विद्यालय हमारे शहर में ही था | खबरें आती रहती थीं |
फिर खबर आयी
कविता के बेटे विनय ने सी० बी० एस० ई० बोर्ड की परीक्षा पास कर ली है |
फिर सुना
कविता ने विद्यालय छोड़ दिया है |
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