एक
बुढ़िया थी | जब वो मरी तो दूत उसे स्वर्ग
ले जाने लगे क्योंकि उसने एक बार एक उबली शकरकन्दी किसी भूखे को दान की थी |
उस बूढ़ी को
स्वर्ग जाते देख और भी मृतक उसका पैर पकड़ कर लटक गये | इस प्रकार छ: लोग लटक गये
एक दुसरे का पैर पकड़ कर |
बुढ़िया ने
देखा कि एक दुसरे का पैर पकड़ कर उसके साथ और छ: लोग स्वर्ग जा रहे हैं तो उसके मन
में इर्ष्या पैदा हो गयी |
उसने सोंचा
.... अरे ! दान तो मैंने किया था ... मैं स्वर्ग जा रही हूं ....ये लोग मेरा फायदा
उठा रहे हैं ...
ज्यों ही
बुढ़िया के मन में यह बात आयी वह धड़ाम से
नर्क में गिर पड़ी |
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