Monday, December 2, 2013

पगली भिखारिन

पगली भिखारिन ने घर के गेट पर खड़े  हो गृह स्वामिनी से हाथ के इशारे से खाने का सामान मांगा |

दोपहर का समय था |
मिसेज वर्मा  ने सोंचा भूखी होगी बेचारी और केले के पत्ते पर दाल चावल सब्जी परस कर ले आई और रख दिया उस भिखारिन  के सामने |

" No ... only biscuits !.... " अंग्रेजी में मिले नकारात्मक उत्तर से हतप्रभ रह गयी मिसेज वर्मा |

इस शहर में नया आया था उनका परिवार |

शाम को मिसेज वर्मा ने जब पड़ोसन मिसेज सुन्दरम को दोपहर का वाकया सुनाया तो वे  झट बोल पडीं  ......
" अरे ! उसका आदमी उसे छोड़ दिया है ...ये भिखारिन पढ़ी लिखी औरत है ....दुःख से इसका दिमाग फिर गया है ...यह किसी के घर का खाना नहीं खाती है ...भीख में मिले पैसों से होटल में खाती है ..और ऐसे ही फाटे चीथड़े कपड़ों में घूमती रहती है सडकों पर ..रात को कहीं भी सो जाती होगी | "

" इस बार मेरे बर्थ डे में मेरी माँ ने एक साड़ी भेजी है ..बीस हजार की है वो साड़ी ...आईये देखिये | " मिसेज सुन्दरम ने अपने घर का गेट खोलते हुए कहा |

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