Friday, June 29, 2012

एक गधे की डायरी


29.06.12

मैं समय पर उठता हूँ और समय पर सोता हूँ | अपने सर ! द्वारा दिए हर कार्य को पूरा करता हूँ समय पर | काम खत्म होने पर मुझे फिर मिल जाता है और नया काम | सर ! हर समय भौं सिकोड़ लेते हैं मुझे देख |

वो डोबरमैन एक काम को धीरे धीरे करता है | अपने स्थान में ऊँघता रहता है कान खड़े कर के | सर उससे मुस्करा कर बात करते हैं | मैं तो हैरान परेशान रहता हूँ | 

पता नहीं क्यों आज मैं अपने बारे में सोंच रहा हूँ |