Friday, April 6, 2012

ढेला - पत्ता ( लोक कथा )

ढेला पत्ता दोनों मित्र थे | आंधी आने पर ढेला पत्ते पर बैठ जाता था और उसे उड़ जाने से बचा लेता था |बर्षा आने पर पत्ता ढेले पर बैठ जाता था और ढेला गलने से बच जाता था | एक बार ढेला और पत्ता दोनों झगड़ पड़े दोनों ने एक दूसरे को सीख देने की ठानी | एक दिन जोर की आंधी आयी | ढेला पत्ते पर नहीं बैठा | पत्ता राम उड़ गए | दूसरे दिन जोर की आंधी आयी | ढेला राम गल गए |

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